कुबेरेश्वरधाम-भगवान शिव की भक्ति में सराबोर कांवड़िये
सीहोर। सावन के पवित्र महीने में कांवड़ यात्रा की बात ही कुछ अलग होती है। भोलेनाथ का प्रिय महीना होने के कारण पूरे महीने शहर के सीवन नदी के तट से कुबेरेश्वरधाम के कांवरिया पथ पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में कांवरिए अपनी कांवड़ लेकर बाबाधाम पहुंचते हैं। सभी कांवरिए अपनी-अपनी पसंद के अनुसार कांवड़ लाते हैं. इनमें कई ऐसे कांवरिए भी होते हैं जिनकी आकर्षक कांवड़ सबका ध्यान खींच लेती है। कई कांवड यात्री भगवान शिव के स्वरूप में तो कोई पानी से बचने के उपाय करने के लिए बरसाती ओढ़कर अपने लक्ष्य की ओर आस्था और विश्वास के साथ चल रहा है।
बारिश की बौछारों के बीच भी शिवभक्तों का उत्साह कांवड़ यात्रा में कम नहीं हुआ है, जिसमें हजारों भक्त जल लेकर अपने आराध्य शिव को अर्पित करने के लिए 11 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं, जिससे आस्था का एक अनूठा और अद्भुत रंग देखने को मिलता है। यह यात्रा सावन के पूरे महीने में होती है और इसमें कांवड़ियों को कई नियमों का पालन करना पड़ता है। कई कांवड यात्री तो जब तक जल से बाबा का अभिषेक नहीं करते तब तक पेयजल और आहार ग्रहण नहीं करते है और बिना विश्राम के ही अपने लक्ष्य की ओर चलते जाते है।
