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मार्टिनेट के विद्यार्थियों नें किया आनंदम नेत्रालय का शैक्षणिक भ्रमण

मार्टिनेट के विद्यार्थियों नें किया आनंदम नेत्रालय का शैक्षणिक भ्रमण

*दिनेश शर्मा आष्टा हलचल*

आष्टा (नि.प्र.) – नगर के अलीपुर क्षेत्र में नोशे खान द्वारा विनीत कुमार त्रिवेदी के प्रबंधन में संचालित मार्टिनेट कान्वेन्ट हायर सेकेण्डरी स्कूल के कक्षा 11 वी तथा 12 वी के बायोलॉजी विषय के विद्यार्थियो द्वारा एकेडमिक इंचार्ज तथा बॉयोलॉजी व्याख्याता अतुल जैन सुराणा के निरीक्षण में नगर में स्थित आनंदम नेत्रालय का विजिट किया गया जहां हास्पिटल प्रबंधन की ओर से नगर के प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डॉ. अतुल उपाध्याय द्वारा विद्यार्थियों की कक्षा ली गई और हास्पिटल की किस प्रकार संचालित होता है इसकी जानकारी प्रदान की गई।
सर्वप्रथम सभी विद्यार्थी नियत समय पर स्कूल बस द्वारा आनंदम नेत्रालय पहुंचे वहां पहुंचकर मार्टिनेट विद्यालय की ओर से अतुल सुराणा द्वारा दुपट्टा पहनाकर और पुष्पगुच्छ के साथ डॉ. अतुल उपाध्याय का स्वागत किया गया तथा उन्होनें विद्यार्थियों को जो समय दिया और हॉस्पिटल विजिट की अनुमति प्रदान की है, उसके लिये आभार व्यक्त किया। डॉ. उपाध्याय नें विद्यार्थियों को हॉस्पिटल में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया समझाई और यह बताया कि किन मशीनो के द्वारा ऑखो की जांच करके उसमें क्या खराबी है इसका पता लगाया जाता है। यदि समस्या आंखो से चश्मे से हल हो सकती है तो कौन-कौन से लेन्स का प्रयोग होता है यह बताया यदि आंखो की सर्जरी की आवश्यकता होती है तो ऑपरेशन थियेटर में किन किन उपकरणो का प्रयोग किया जाता है इसकी जानकारी देकर सभी उपकरण दिखाये।


बच्चो को ऑखो की केयर किस प्रकार करनी चाहिये, अधिक मोबाईल या कम्प्यूटर का उपयोग करने से ऑखो में किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है इन सब की विस्तृत जानकारी डॉ. उपाध्याय द्वारा प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि मोबाईल का लगातार उपयोग करने से जो रेडियेशन निकलता है उससे आंखो की नमी सूख जाती है और इस कारण आंखो में कई प्रकार की समस्यायें आती है। कई मरीजो को सामने लाकर विद्यार्थियों को बताया गया कि ऑखों में क्या बीमारियां हो सकती हैं। साथ ही अभी नेत्रदान पखवाड़ा चल रहा है, उन्होनें विद्यार्थियों को बताया कि आपके नेत्रदान का संकल्प कम से कम दो लोगो की आंखो को रोशन कर सकता है। नेत्रदान मरणोपरान्त ही किया जाता है अतः जो भी नेत्रदान करे वह अपनें संकल्प के बारे में अपने परिजनो को अवश्य बतायें क्योंकि व्यक्ति के जाने के बाद परिजन की नेत्रदान की प्रक्रिया को पूर्ण करवाते हैं। इस संबंध में उन्होनंे आष्टा नगर में स्थानीय तौर प्रथम नेत्रदान करने वाले स्व. अशोक कुमार सुराणा का भी उल्लेख करके विद्यार्थियों को प्रेरणा प्रदान की। अंत में सभी विद्यार्थियों नें तालियों के साथ डॉ. उपाध्याय का अभिनंदन किया।

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