आष्टा
हम तो कहेंगे —!**हरदा कांड*
*भाजपा के राज में पुलिस की बर्बरता आई सामने*
*दिनेश शर्मा आष्टा हलचल*
क्या यही लोकतंत्र हे? आज हरदा में करनी सेना पर जिस तरह से पुलिस का कहर बरपा हे उसने आज सोचने पर विवश कर दिया है।
बताया जा रहा हे अपने अधिकार, ओर जायज कार्यवाही को लेकर करनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओर उनके सैनिक हरदा पहुंचे थे, किंतु उनकी बातों को सुने और समझे बिना जिस तरह से हरदा की पुलिस ने करनी सेना समर्थकों पर लाठी डंडों से अपना कहर बरपाया, जिससे सैकड़ों लोग घायल हो गए, फिर क्या युवा, क्या बच्चे ओर क्या बुजुर्ग, जो भी पुलिस की लाठी के जद में आता गया उसे पुलिस का कहर झेलना पड़ा , साथ ही पुलिस ने करनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर को गिरफ्तार भी कर लिया , बस फिर क्या था , घटना की खबर पूरे प्रदेश में आग की तरह फैल गई , ओर जगह जगह प्रशासन को करनी सेना समर्थकों का विरोध झेलना पड़ा, अनेकों जगह जाम के वीडियो सोशल मीडिया पर आने लगे, देवास में वहां भी जब करनी सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता हाईवे पर इकट्ठे हो जाम लगा कर विरोध प्रदर्शन करने लगे तो वहां भी पुलिस ने खुलकर लाठी चार्ज किया और प्रदशर्न को विफल किया , इसके साथ ही आष्टा अनुविभाग की जावर तहसील पर मुझे इंदौर भोपाल हाइवे पर करनी सेना से जाम लगा प्रदर्शन शुरू तो किया किंतु स्थानीय अधिकारियों की सूझ बुझ से मामला शांत हो गया और तत्काल हाइवे चालू हो गया ।
लेकिन इन सारी घटनाओं ने यह जरूर बता दिया कि हरदा की इस घटना ने पूरे प्रदेश में आम आदमी को भी सकते में डाल दिया है,।
ओर सोचने पर विवश कर दिया हे कि क्या देश भक्ति जनसेवा जैसे आदर्शों पर चलने वाली पुलिस का चेहरा इस तरह का भी हो सकता हे?
आम जनता अपने अधिकारों का उपयोग नहीं कर सकता?
हिंदुत्व के नाम पर वोट लेकर सत्ता में बैठी भाजपा के राज में ऐसा भी हो सकता हे?
इस तरह के अनेकों प्रश्न हे जिन्होंने अब बहुत कुछ सोचने पर विवश कर दिया हे,
हम तो बस यही कहेंगे कि राम जी सब का भला करे ।