आष्टा
दिनेश शर्मा
*बीते डेढ़ माह पूर्व 17 दिसंबर 2024 को एक निजी वेयर हाउस के चौकीदार का जहर खा कर आत्महत्या करने के कथित प्रयास ने, चौकीदार को मिलने वाली मानसिक प्रताड़ना की पोल खोलकर रख दी, वही वेयर हाउस में रखे सरकारी गेहूं में की जा रही चोरी ओर हेराफेरी को भी उजागर करके रख दिया, साथ ही इस कथित गंभीर घटना की जांच कार्यवाही ने पुलिस की कार्यपद्धति को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है*।
दिनेश शर्मा आष्टा
ध्यान रहे हम बात कर रहे हे भारत किसान सेवा केंद्र वेयरहाउस जो कि भंवरा जोड़ पर स्थित हे , इस वेयर हाउस में चौकीदार सजन सिंह अपनी पत्नी कृष्णा बाई के साथ रहकर चौकीदारी का कार्य करता था ,कि अचानक बीती 17 दिसंबर को सजन सिंह ने जहर खा कर मरना चाहा , गंभीर हालत में सजन सिंह को आष्टा एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया , जहां मरणासन्न स्थिति में सजन सिंह ने आष्टा नायब तहसीलदार मुकेश सावले को जो बयान दिया , उस बयान ने वेयर हाउस की सारी व्यवस्थाओं ओर कारगुज़ारियों की पोल खोल कर रख दी।
सजन सिंह ने मरणासन्न स्थिति में जो बयान दिया उसके अनुसार वेयर हाउस का मालिक परवेश बेग उसे बहुत मानसिक प्रताड़ना देता था ,ओर
गोदाम में रखे सरकारी गेहूं में अक्सर हेराफेरी कर पानी का छिड़काव करता रहता था, जो कि सरकार के साथ खुली धोखाधड़ी रहती हे,इस गंभीर धोखाधड़ी से बचने ओर मुझे हर दम झूठे केस में फंसाने का दबाव मुझे वा मेरी पत्नी को मानसिक दबाव बना कर चुप रहने के लिए बजबुर करता रहा हे । यही कारण रहा हे कि मैने जहर खा कर आत्महत्या करने का प्रयास किया ।
लेकिन आश्चर्य होता हे कि घटित घटनाक्रम में चौकीदार का जहर खाना, ओर चौकीदार द्वारा वेयर हाउस में रखें सरकारी गेहूं चोरी का आरोप सीधे सीधे गोदाम मालिक पर लगाने के बावजूद भी पुलिस ने इस संजीदा मामले को राजीनामे का पर्दा डाल कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली। जबकि पूरे मामले में वेयर हाउस का मालिक जहां सजन सिंह के आत्महत्या के प्रयास के लिए दोषी हे वही सबसे गंभीर अपराध उसका यह भी सामने आ रहा हे कि वह गोदाम में रखे सरकारी गेहूं में भी हेराफेरी करता रहा हे । फिर भी पुलिस ने परवेश को अभयदान दे दिया ?
अभय दान का कारण जब हमने समझने का प्रयास किया तो पुलिस अधिकारी ने साफ कह दिया कि सजन सिंह नहीं मरा इसलिए परवेश बेग के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं बनती ।
साथ ही पूरे मामले में दोषी व्यक्ति को भी इस गंभीर मामले से बचा दिया । जरा सोचिए
क्या यूं ही कोई व्यक्ति अपनी जान देने पर उतारू हो जाता है?
कुछ तो हकीकत रही होगी जिसे पीड़ित सजन सिंह बया कर रहा हे ओर पुलिस हे कि इतने बड़े ओर गंभीर मामले को आपसी राजीनामे की शक्ल देकर नस्ति कर रही हे, जबकि जहर मामले के साथ साथ सरकारी गेहूं की चोरी ओर हेराफेरी करने वाला मामला भी उजागर हो रहा हे , जिसे पीड़ित सजन सिंह ओर उसकी पत्नी कृष्णा बाई खुद बता रही हे ।
जानकारी अनुसार मुख्य इंदौर भोपाल हाइवे से लगे भवरा रोड पर स्थित वेयर हाउस में कार्यरत एक चौकीदार ने जहर खा कर आत्महत्या करने का प्रयास किया । ओर मीडिया को दिए अपने बयान में सरकारी गेहूं में हेराफेरी और चोरी करने का आरोप वेयर हाउस मालिक पर लगाते हुए स्वयं पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप खुल कर लगाया ।
वही पुलिस इस मामले में बता रही हे कि फरियादी सजन सिंह ने पुलिस को एक शपथ पत्र देकर आपसी कलह में जहर खाना बताया, ओर किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने से इनकार किया । विदित रहे कचनारिया निवासी सजन सिंह अपनी पत्नी कृष्णा बाई के साथ भारत किसान सेवा केंद्र वेयरहाउस पर रहकर ही वर्षों से चौकीदारी का कार्य करता था, फिर ऐसा क्या हुआ कि बीती 17 दिसंबर को अचानक चौकीदार सजन सिंह जहर खाकर अपनी जान से खिलवाड़ कर डाला ।
लगभग 1 सप्ताह निजी अस्पताल में इलाज करा कर सजन सिंह की जान तो बच गई , पर क्या इतना गंभीर मामला जांच की परिधि में नहीं आता ? जबकि चौकीदार के जहर खाने के साथ साथ चौकीदार वेयर हाउस में रखे सरकारी गेहूं में हेराफेरी के आरोप भी लगा रहा हे , ऐसे में जिम्मेदारों के विरुद्ध आज तक भी किसी प्रकार की कानूनी कार्यवाही नहीं होने से मामला पुलिस की प्रणाली पर सवालिया निशान लगता दिखाई दे रहा हे ।
बरहाल इस तरह के मामलों में जब जिम्मेदारों पर कार्यवाही नहीं होती हे , तो भविष्य में फिर कोई सजन सिंह इस तरह के कदम उठाएगा , ओर जिम्मेदार अनर्गल आरोप प्रत्यारोप लगा कर मामले को राजीनामे की शक्ल देकर यू ही निपटा देंगे ? जबकि आज यह मामला गंभीर रूप से जांच का विषय हे कि आखिर सजन सिंह को जहर खाने की नौबत क्यों आ पड़ी, इस बारे में पुलिस का मोन ओर सजन सिंह द्वारा प्रस्तुत राजीनामा अनेकों प्रकार की
शंकाओं को जन्म दे रहा हे ?
इस मामले को लेकर जब हमने बारीकी से पड़ताल करी ओर पीड़ित सजन सिंह वा उसकी पत्नी कृष्णा बाई से मामले की हकीकत जानने का प्रयास किया तो दोनों पति पत्नी ने जिस प्रकार से अपने साथ हुई आपबीती सुनाई उसे सुनकर जहां पुलिस की भूमिका भी एक पक्षीय दिखाई दे रही हे ?वही वेयर हाउस मालिक ने भी अपने बचाव के लिए सारे हथकंडे अपना लिए हे?
सजन सिंह का कहना रहा कि वेयर हाउस में सरकारी गेहूं भरा हुआ हे ,ओर वेयर हाउस मालिक परवेश बेग अक्सर ट्रैक्टर ट्राली से गलत तरीके से गेहूं भरकर ले जाता हे ओर वजन संतुलन के लिए पानी का छिड़काव करवा देता हे,
ओर मुझे व मेरी पत्नी को सब कुछ देखते समझते हुए भी मोन रहना पड़ रहा था, क्योंकि हमें मानसिक रूप से डराया जाता रहा हे, यही कारण रहा कि अत्यधिक मोन रहने से में घबरा गया था ओर मैने जहर खाकर मरना ही उचित समझा , ओर मैने आत्महत्या करने का प्रयास किया।
आपको बता दूं मुझे मानसिक रूप से परेशान करते हे, मेरा जीना मुहाल हो गया था, इस बार भी ऐसा ही हुआ यह लोग ट्रेक्टर ट्राली से 2 बार गेहूं भरकर ले गए ओर मेरे द्वारा मना करने पर मुझे धमकाया गया , यही वजह रही कि तंग आकर मुझे यह कदम उठाना पड़ा ।
मुझे एक निजी अस्पताल में परवेश बेग ने ही भर्ती कराया था , मुझे बेहोशी की हालत में भर्ती किया था,पुलिस ने मेरी पत्नी के बयान भी लिए थे , बाद में मेरे भी बयान हुए हे, किंतु मेरे साथ हुई पूरी घटना के बाद अस्पताल में मुझ पर अत्यधिक दबाव बनाया गया ओर मामले को इलाज के बाद राजीनामे की शक्ल देकर हमे अस्पताल से छुट्टी दे दी।
ओर आज नतीजा यह हे कि वेयरहाउस मालिक के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हुई।
क्या गेहूं में की जाने वाली हेराफेरी का जांच होगी?
ओर आखिर सजन सिंह को जहर खाने की नौबत क्यों पड़ी ? ऐसे अनेकों पहलू हे जोकि जांच के विषय हे , पुलिस ने जिस तरह से मामले राजीनामे को माध्यम बना कर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली वह भी आश्चर्य जनक प्रतीत हो रही है। लेकिन जब इस मामले को लेकर पुलिस से बात की तो उन्होंने बताया कि फरियादी किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं करने के लिए शपथ पत्र के साथ अपने बयान लिखवा कर गया हे, जहर खाने वाले मामले में आपसी पारिवारिक कलह होना पुलिस बता रही हे ।अब हकीकत क्या हे यह जांच का विषय हे,
स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि सजन सिंह के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की सूक्ष्मता से जांच करे , क्योंकि सरकार द्वारा रखे गेहूं में अगर किसी प्रकार से हेराफेरी या चोरीचकारी हुई हे तो जो भी दोषी हो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होना चाहिए ।