आष्टा दिनेश शर्मा
*ईसाई मशीनरी द्वारा संचालित पुष्प सीनियर हायर सेकेंडरी स्कूल में हुआ हादसा, छत पंखा गिरने से एक नन्नी बालिका हुई गंभीर रूप से घायल*
*इस घटना ने प्रबंधन की लापरवाही और जिम्मेदार अधिकारियों की नीति और नीयत पर भी सवाल खड़े कर दिए*
*आष्टा दिनेश शर्मा आष्टा हलचल*
शहर में ईसाई मशीनरी द्वारा संचालित पुष्प सीनियर सेकेंडरी स्कूल कहने को cbsc होकर स्वयं को सर्व सुविधा युक्त होने ओर दुरुस्त व्यवस्थाओं का दावा तो करता है , पर हकीकत यह है की यह सुविधाये और व्यवस्थाएं जमीनी रूप से कम कागजों में अधिक नजर आती है। क्योंकि स्कूल में घटित घटना से तो यही अंदाजा लगता है।
जी हां हम बात कर रहे हे पुष्प सीनियर हायर सेकेण्डरी स्कूल की जहा बीते दिवस प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा एक नन्नी बालिका को भुगतना पड़ रहा है,
घटना कुछ इस प्रकार से हुई की निर्माणाधीन बिल्डिंग के एक कक्ष में 3rd स्टेंडर्ड की क्लास में एक नन्नी बालिका प्रतीक्षा मेवाड़ा पिता कल्याण सिंह मेवाड़ा के सर पर छत से एक चलता हुआ पंखा टूट कर गिर गया जिससे बालिका के कपाल पर गहरी चोट आने से वह लहू लुहान होकर गंभीर रूप से घायल हो गईं, जिसे प्रबंधन तत्काल आनन फानन में भोपाल ले गया , जहां एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा हे ।
आश्चर्य होता है, निर्माणाधीन स्कूल में कक्षाएं संचालित हो रही हे , ओर शिक्षा विभाग अनजान बना बैठा है, साथ ही इस घटना ने यह एहसास भी करा दिया की जिम्मेदार विभाग के साथ साथ स्कूल प्रबंधन भी कितना अधिक लापरवाह बना हुआ है,की जिसने की अपने स्कूल की आवश्यक सुविधाओं और व्यवस्थाओं की स्थितियो को जानना कभी आवश्यक नहीं समझा ? यह अलग बात है की पुष्प स्कूल में घटित घटना के बाद जिम्मेदार शिक्षा विभाग की निद्रा टूटी और सभी निजी स्कूलों को सुविधाएं और व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के निर्देश जारी कर दिए,।
भला होता अगर यह चेतना जिम्मेदारी में पहले ही जाग जाती, तो शायद यह घटना घटित नहीं होती?
आपको बता दे पुष्प स्कूल की कुछ कक्षाएं स्कूल के सामने रोड पार एक हाल में लग रही है जहा बच्चो को सही से हवा भी नसीब नही हो रही हे,। घटित घटना ने यह भी बता दिया की शहरी क्षेत्र के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्र में सेकडो निजी स्कूल शिक्षा विभाग के महरबानियो से बिना किसी मापदंड और नीति नियमो का पालन करे बेखौफ होकर चल रहे हे।
आपको बता दे निकट ग्राम खाचरोद में एक निजी स्कूल के परिसर में आज भी एक मोबाइल टावर लगा हुआ है, जोकि बच्चो के स्वास्थ के लिए हानिकारक होकर नियमो की खुली अवेहलना कर रहा हे, पर मजे दार बात है की वर्षो से इस स्कूल का जिम्मेदार अवलोकन भी करते आ रहे हे और स्कूल को मान्यता भी बिंदास तरीके से मिल रही हे, यह एक स्कूल नही है इसदर्जनों शिक्षा विभाग की मेहरबानी से अनेकों अव्यवस्थाओं से सराबोर होकर खूब फल फूल रहे हे, और बच्चो को खोकले सुनहरी सपने दिखा कर उनके भविष्य से खिलवाड़ करते हुएअपनी तिजोरी भर रहे हे। और
इस सारे लूटमार के खेल को विभाग के जिम्मेदार सब कुछ जानते हुए भी अनजान बन कर देख रहे है । अब इसके पीछे क्या कारण हो सकते है यह तो वही जाने , पर जागरूक लोग विभाग की नियत पर प्रश्न चिन्ह जरूर लगा रहे है।
जहा तक पुष्प सीनियर सेकेंडरी स्कूल का प्रश्न है तो इस स्कूल का तो मानो विवादो से गहरा नाता हो गया हे, कभी स्कूल की शिक्षिका से विवाद जो की थाने की दहलीज तक पहुंच गया था, तो कभी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को अपने तरीके से नियमो और सिद्धांतो को थोपना, और भी कई ऐसे मामले घटित हुए है जिससे प्रबंधन की कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
अपने तरीके से फीस की वृद्धि, और किताबो वा अन्य आवश्यक सामग्रियों की आड़ में यह स्कूल जिस तरह से पालकों की जेब पर डाका डाल रहा हे, वह भी किसी से छुपा नहीं है।
नवीन सत्र चालू होते ही वही पुराना ढर्रा, नर्सरी से लगा कर सभी कक्षाओं के कोर्स इतने महंगे की एक आम व्यक्ति वहन नहीं कर सकता,।
किताबे, कॉपी, बेल्ट, बेज और अन्य आवश्यक सामग्री वह भी मनमाने दाम पर एक ही दुकान से लेना पालक की विवशता हो गई हैं सिर्फ कागजों में अन्य दुकानों के नाम दे रखे हे जिन्हे यह विशेष दुकान सिर्फ औपचारिकता के लिए गिनतीवार कोर्स विक्रय के लिए देता है,।
ऐसा भी नहीं की शिक्षा विभाग के स्थानीय और जिला अधिकारी इस स्कूल की हठधर्मिता से वाकिफ नहीं हे, पर सभी मूक दर्शक बन खेल को रंग मंच पर होने वाले नाटक की भाती देखते रहते है ।
यही वजह है की पुष्प जैसे निजी स्कूल बेखौफ होकर अपनी मनमानी करते रहते हैं।
आज विभाग की उदासीनता की ही परिणाम है की प्रबंधन कक्षाओं में लगे पंखे की स्थिति से वाकिफ होते हुए भी लापरवाह बने रहे, और आखिर में नतीजा यह हुआ की वर्षो पूर्ण खस्ता हालत का पंखा चलता हुआ ही टूट कर गिर गया जिससे आज एक नन्नी बालिका गंभीर रूप से घायल हो गई, और इस घटना ने प्रबंधन के साथ साथ जिम्मेदार विभाग की सक्रियता की पोल खोल कर रख दी ।
यह अलग बात है की इस घटना के बाद शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूलों को अपनी व्यवस्थाओं और पंखों को दुरुस्त करने के निर्देश दे दिए ।