*शहर में लहराते तलवार चाकुओं ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल*
*दिनेश शर्मा आष्टा हलचल*
इस शहर को अब हादसों का शहर कहे तो शायद कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।
जिस तरह से शहर में अड़ीबाजी,मारपीट, चाकूबाजी, की घटनाएं बिखोफ हो रही है, उससे पुलिस की कार्यझमता पर तो प्रश्न लगता ही है, वही शहर वासी, इस डरावने माहोल में स्वयं को पूरी तरह से असुरक्षित महसूस कर रहे है।
शहर में एक के बाद एक घटनाएं जिस तरह से घटित हुई है उसने यह तो एहसास करा दिया की अब पुलिस को एक्टिव मोड पर होकर सिंघम रुख अख्तियार करना चाहिए ।
हम बात कर रहे हैं पिछले दिनों घटित हुई घटनाक्रमों की। जिसमे पहला मामला शहर के कसाई पूरा चौराहे पर खुलेआम तलवार बाजी होकर एक बड़ी घटना घटित हुई, जिसकी परणिति में आज भी भाजपा का पूर्व पार्षद गंभीर हो अपना इलाज करवा रहा है, वही दूसरी घटना शहर में मोहर्रम के त्योहार के बाद अलीपुर क्षेत्र में फिर एक ही समुदाय के युवकों में चाकूबाजी खुल कर हुई,यह दोनो मामले पुलिस कार्यवाही में होकर विवेचना में चल रहे हैं, पुराने बस स्टैंड पर भी बीच बचाव होने से लड़ाई झगड़ा की बड़ी घटना होते होते बची, वरना यहां भी झगड़े का बड़ा स्वरूप हो सकता था , इन घटनाओं की आंच से अभी शहर निकल भी नही पाया था की बीते दिवस एक घटना स्थानीय काछीपुरा स्थित एक किराना दुकानदार के साथ घटित हुई जिसमे किराना दुकानदार पवन पटवा को बिना कारण ही एक अपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति अभिषेक ऊर्फ भोंदू ने अड़ीबाजी कर चाकू से अचानक हमला कर दिया , जिसमे बीच बचाव करने गए युवक नीरज जैन को भी गंभीर रूप से घायल कर दिया जिसे तत्काल जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
घटना के तुरंत बाद घटना स्थल पर पुलिस पहुंची, ओर घायलो को अस्पताल ले गई वही शहर में नाकाबंदी कर अपराधी की तलाश की जा रही है,।
लेकिन इस तरह की घटनाओं ने शहर को बहुत कुछ सोचने पर विवश कर दिया है, साथ ही घटित घटनाओं ने बता दिया की अपराधिक प्रवृत्ति के लोगो ने कानून और पुलिस का जरा भी भय नहीं है।